झारखंड, देवघर स्थित वैद्यनाथ धाम या वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जहां पर भगवान शिव और शक्ति दोनों विराजमान है। भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों में से 9वां ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग को कामना लिंग भी कहा जाता है, और मान्यता है कि, यहां आने वाले हर भक्त की देवाधिदेव महादेव के दर्शन मात्र से हर कामना पूर्ण होती है।More
क्यों की जाती है गोवर्धन की परिक्रमा और पूजा? गोवर्धन की ब्रज में उत्पत्ति की क्या कहानी? क्या है तिल–तिल कम होते गोवर्धन पर्वत का रहस्य?
क्यों की जाती है गोवर्धन की परिक्रमा और पूजा? गोवर्धन की ब्रज में उत्पत्ति की क्या कहानी? क्या है तिल-तिल कम होते गोवर्धन पर्वत का रहस्य?More
भगवान परशुराम कौन थे? क्यों अपनी ही माता का वध किया परशुरामजी ने ? किसने विवश किया परशुराम को अपनी ही माता का वध करने के लिए?
परशुराम जी भगवान विष्णु के छठे अवतार थे। वे त्रेतायुग ऋषि जमदग्नि और देवी रेणुका के यहाँ जन्में थे। परशुराम विष्णु जी के उग्र अवतार है। परशुराम से बड़े उनके चार भाई थे। परशुरामजी माता-पिता के सबसे छोटी संतान थे और बहुत ही आज्ञाकारी थे |More
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शक्ति पीठ छिन्नमस्तिका शक्तिपीठ रजरप्पा का संपूर्ण विवरण। दस महाविद्याओं का रहस्य। सिर कटी देवी का रहस्य
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शक्ति पीठ छिन्नमस्तिका शक्तिपीठ रजरप्पा का संपूर्ण विवरण। दस महाविद्याओं का रहस्य। सिर कटी देवी का रहस्यMore
सोमवती अमावस्या । वट सावित्री व्रत कथा । महत्व । वट सावित्री पूजन सामाग्री। वट सावित्री पूजन विधि
सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या सोमवती अमावस्या कहलाती है। प्रत्येक मास एक अमावस्या आती है और प्रत्येक सात दिन बाद एक सोमवार। परन्तु ऐसा बहुत ही कम होता है जब अमावस्या सोमवार के दिन हो। वर्ष में कई बार सोमवती अमावस्या आती रहती है।
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जानकी नवमी । सीता नवमी । देवी सीता जन्म रहस्य ।
जानकी नवमी । सीता नवमी । देवी सीता जन्म रहस्य । हल का अग्रभाग, जिसे ‘सित’ कहते हैं, उससे लगने से उत्पन्न होने के कारण, कन्या का नाम ‘सीता’ रखा गया था। साक्षात श्री लक्ष्मी के आगमन से प्रकृति भी झूम उठी, वर्षा देवी के पग पखारने आ गई। More
Watch “माता कैला देवी का रहस्य । करौली माता के चमत्कार । यदुवंशियों की कुलदेवी कैलादेवी” on YouTube
सर्व मनोकामना पू्र्ण करने वाली माता कैलादेवी की महिमाMore
आस्था का प्रतीक प्राचीन देवड़ी मंदिर (700 वर्ष पुराना मंदिर, रांची, झारखंड)
झारखंड की राजधानी रांची से तकरीबन 60 किमी दूर (दक्षिणी दिशा की ओर) तमाड़ गांव में जमशेदपुर-रांची हाईवे (NH- 33) में स्थित है। आस्था और श्रद्धा का प्रतीक प्राचीन देवड़ी मंदिर More
देशी क्रिस्पी मटर कचौड़ी/ आसान देशी खस्ता मटर कचौड़ी
देशी क्रिस्पी मटर कचौड़ी/ आसान देशी खस्ता मटर कचौड़ीMore
कैसे घर में बनाए जल्दी वजन कम करने वाले हेल्दी जूस (Healthy-Weight loss juice)
वजन को नियंत्रित करने हेतु सही जीवनशैली, पौष्टिक डाइट, सलाद और वेट कम करनेवाले जूस भी काफी कारगर साबित होते हैं। ऐसी कुछ वजन कम करने वाले जूस बनाने के बारे में आगे विस्तार से जानते हैं, जिसके नियमित इस्तेमाल से वजन नियंत्रण के साथ अन्य स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं।More
जीरा (Cumin Seed) मसालों का हीरा/ जीरे के उपयोग और फायदे
सेहत का खजाना जीराMore
25 जनवरी का इतिहास और महत्व (History and Importance of 25th January)
25 जनवरी का महत्व और इतिहासMore
मकर संक्रांति पर्व क्यों मनाते हैं?/ स्नान–दान महत्त्व/ गंगा दशहरा की पौराणिक कथा/ विभिन्न प्रांतों में मकर संक्रांति
उत्सवों का देश भारत जहां समय-समय पर हर पर्व-त्यौहार को श्रद्धा, आस्था और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पर्व-त्योहार सभ्यता का आईना होते हैं, भारत में पर्व-त्यौहार और उत्सव का विभिन्न प्रांतों में अलग-अलग ढंग से मनाने का रिवाज है।More
Biography and life changing Quotes of Swami Vivekanand
वेदांत और योग का पश्चिमी देशों में डंका बजाने वाले स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता के बंगाली परिवार में हुआ था। माता-पिता ने नाम रखा नरेन्द्रनाथ दत्त। More
महान स्वतंत्रता सेनानी अझगू मुतू कोणे यादव की अमर कहानी (Maveeran Alagumuthu Kone ) (11 जुलाई 1710 – 19 जुलाई 1759)
महान सेनानायक और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी महावीरन श्री अझगू मुत्थू कोणे यादव का जन्म 11 जुलाई, 1710 ई. में तमिलनाडु के, कोट्टालंकुलम गांव, कोविलपट्टी के टूटीकोरिन जिले में हुआ था। अझगू मुत्थु कोणार यादव को सर्वइकरार के नाम से भी जाना जाता है।
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2022 में कैसे बढ़ाएं कदम सफलता की ओर ?/ सफलता के जरूरी टिप्स (Success tips)/ सफलता के मूल मंत्र/ कैसे 2022 को बनाए जीवन का सबसे सफल साल? हिंद
अलग-अलग परिप्रेक्ष्य में सफलता के अलग पैमाने हैं। एक विद्यार्थी के लिए अधिक से अधिक ज्ञान अर्जन करना सफलता है और दूसरे विद्यार्थी के लिये सबसे ज्यादा अंक लाना।एक व्यापारी के लिए अधिक धन कमाना, व्यापार का विस्तार सफलता है। वैज्ञानिक के लिए सफल अन्वेषण सफलता है, शिक्षक के लिए ज्ञान का प्रसार, नेता के लिए चुनाव जीतना और नौजवान के लिये सही नौकरी पाना
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कैसा होता है जनवरी मास में जन्मे व्यक्ति का व्यक्तित्व?
जनवरी माह मकर राशि में आती है। यह राशि 21 दिसंबर के आसपास शुरू होती है और 7 दिन तक धनु राशि के साथ राशि-संधि चलती है। इस राशि का पूरा प्रभाव 28 दिसंबर से प्रारंभ होकर 21 जनवरी तक रहता है। फिर मकर और कुंभ का दिनों का संधि काल शुरू हो जाता हैMore
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व, कथा, फल/ गढ़मुक्तेश्वर का कार्तिक मेला/ गुरु नानक जयंती
। इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा इसलिए कहते हैं, क्योंकि इसी दिन ही भगवान शिव जी ने त्रिपुरासुर नामक आततायी असुर का संहार किया था। त्रिपुरासुर के वध कर त्रिलोक की रक्षा करने के कारण भगवान शिव को त्रिपुरारी भी कहा जाता है।More
भाई दूज/ भाई पोटा/ यम-भरत द्वितीया कैसे मनाए, क्यों मनाए, कथा और फल
कार्तिक शुक्ल द्वितीया को प्राचीन काल में यमुनाजी ने अपने भाई यमराज को विधिवत पूजन अपने घर भोजन कराया था, इसलिए यह ‘यमद्वितीया’ कहलाती है। इस दिन बहन के घर भोजन करना आयुवर्धक, स्वास्थ्य वर्धक, पुष्टिवर्धक और समृद्धि वर्धक बताया गया है।More
दीपावली पूजा विधि/ पूजा सामग्री/ शुभ मुहूर्त/ मंत्र
दीवाली के दिन जहां गृहस्थ और वाणिज्य वर्ग के लोग धन की देवी लक्ष्मी से समृद्धि और वित्तकोष की कामना करते हैं और घरों और संस्थानों को स्वच्छ और शुद्ध कर दीये सुगंध से माता लक्ष्मी- गणेश का स्वागत करते हैं। More
शरदपूर्णिमा या रासोत्सव का महत्व/ काल निर्णय/ पूजन विधि/ वैज्ञानिक दृष्टिकोण/ शरद पूर्णिमा की रात को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए ?
अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शरद पूर्णिमा कहलाती है। शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है। शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा की चांदनी में अमृत का निवास रहता है, इसीलिए उसकी किरणों से अमृत्व को और आरोग्य की प्राप्ति होती है।More
शारदीय नवरात्र पूजन, पाठ विधि, फल, महत्व/महालया/कन्या पूजन/महामंत्र/ पूजन सामग्री
शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाते हैं। नवरात्र मुख्य रूप से दो होते – वासन्तिक और शारदीय। वासन्तिक में भगवान विष्णु की उपासना प्रधान होती है और शारदीय में शक्ति की उपासना। वैसे दोनों नवरात्र मुख्य एवं व्यापक हैं। दोनों में दोनों का उपासना बहुत ही महत्वपूर्ण है, आस्तिक लोग दोनों की उपासना करते हैं।More
करेंट अफेयर्स 1अक्टूबर 2021 हिंदी में/Current Affairs 1st Oct’21 in hindi
विश्व मुस्कान दिवस हर साल अक्टूबर महीने के पहले शुक्रवार को मनाया जाता है। अमेरिका के एक आर्टिस्ट हार्वे बॉल को सबसे पहले यह दिवस मनाने का विचार आया था। हार्वे बॉल ने ही सबसे पहले स्माइल फेस आइकन बनाए थे, जिसे आज हम मैसेज भेजने में इस्तेमालकरते हैं।ऋवर्ल्ड स्माइल डे मनाने की पीछे का मुख्य उद्देश अभी तक मुस्कुराने या हंसने का महत्व समझाना हैMore
स्वादिष्ट और हेल्दी पोहा बनाने की विधि हिंदी में/How to Make delicious and healthy Poha/Recipe of Poha in Hindi
कम समय में तैयार होने वाला सबसे अच्छा और हेल्दी नाश्ता है पोहा। महाराष्ट्र और इंदौर के साथ उत्तर भारत के लोग भी पोहे को नाश्ते में चाव।से खाते हैं। यह हल्का और हेल्दी नाश्ता है और इसे भारत में कई तरीकों से बनाया और खाया जाता है।More
स्वास्थ्य, भोजन और जीवनशैली से जुड़े जरूरी बातें, जाने हिंदी में/ Health, diet and lifestyle related important facts in hindi
स्वास्थ्य का सार है, खाने-पीने में नियम से चलने वाला, प्रतिदिन व्यायाम (exercise) करने वाला, भोग-विलास में संयम रखने वाले लोग कभी बीमार नहीं होते।More
ऋषि पंचमी का महत्व, व्रत विधि और कथा
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि ‘ऋषि पंचमी’ कहलाती है। और इस दिन किये जाने वाले व्रत को ऋषि पंचमी-व्रत कहते हैं। इस व्रत में सभी ऋषियों सहित माता अरूंधति का भी पूजन होता है। समस्त ज्ञात-अज्ञात पापों के शमन हेतु स्त्री-पुरुष इस व्रत को करते हैं।More
हरितालिका तीज कथा, विधि, महत्व और दान
भाद्र मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भारत वर्ष में सुहागिन स्त्रियाँ हरितालिका व्रत करते हैं। सुहागिन स्त्रियां हरतालिका तीज का व्रत अखण्ड़ सौभाग्य और सुखमय वैवाहिक जीवन की प्राप्ति हेतु करती हैं।More
अजा एकादशी परिचय, कथा, पूजन विधि, महत्व और फल
भारत त्योहारों और उत्सवों का देश है। उत्सव के अवसर पर व्रत करने की प्रथा भी प्रचलित है। अक्सर लोग पूछा करते हैं- “ यदि त्योहार समाज को संगठित करने और खुशीयां मनाने के लिए होते हैं, तो उसमें भूखे रहने की क्या औचित्य है?” More
कामिका एकादशी कथा, पूजन विधि और पूजा-व्रत फल
भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहते हैं। ब्रह्मांड पुराण वर्णित कथानुसार राजा हरिश्चन्द्र बड़े ही महान, सत्यनिष्ठ और दृढ़व्रती थे। राजा हरिश्चंद्र को अपने जीवनकाल में अपनी सत्यनिष्ठता के कारण अनेक प्रकार कष्ट उठाने पड़े। More
हूल क्रांति दिवस/ जाने आजादी की पहली लड़ाई की कहानी
“करो या मरो, अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो” का नारा देकर 30 जून, 1855 को सिद्धू और कान्हू दो वीर भाईयों के नेतृत्व में झारखंडवासियों ने अंग्रेजी हूकूमत के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका।More
कैसे पाए करिश्माई सौंदर्य मुल्तानी मिट्टी के फेसपैक से?/ दमकती त्वचा और मुल्तानी मिट्टी के 10 फेसपैक (How fuller’ earth enhance glow of skin charismatically?)
सौंदर्य और प्राकृतिक पदार्थ का अनुपम रिश्ता सदीयों से चला आ रहा है। हम जितना प्रकृति के करीब जाते हैं, प्रकृति उतना ही नैसर्गिक सौंदर्य का पान हमें कराती है। मुल्तानी मिट्टी प्रकृति का ऐसा ही एक वरदान है जो हमारे त्वचा (skin) और बालों को ना सिर्फ सौंदर्य प्रदान करता है, बल्कि इससे संबंधित समस्या से लड़ने में मदद भी करता है।More
75 बिजनेस आइडिया जो कम पूंजी में अधिक मुनाफा दे /75 best low investment business Idea (Part 1)
अपना बिजनेस करना हर युवा का सपना होता है। कोरोना काल में महामारी और लौक डाउन के कारण उत्पन्न स्थिति से तो अपना रोजगार करना युवाओं की जरूरत बन गई है। जानकारी की कमी और आर्थिक स्थिति भी कई बार युवाओं के बिजनेस करने के रास्ते में अवरोध करता है। पर कहते हैं ना, कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।More
अदरक के फायदे/ कैसे बनाएं अदरक का तेल/ अदरक का हलवा/ अदरक का पाचक चूर्ण
अदरक की तासीर गर्म होती है, अतः सर्दियों में इसका सेवन बढ़ जाता है। किंतु कोरोना काल में इसके औषधीय गुणों के कारण पूरे साल अदरक के सेवन और मांग बनी रही। अदरक कफ-पित्त-वात नाशक होता है। More
क्यों नींबू है उपयोगी निरोगी और रोगी सभी के लिए? / कोरोना काल में क्यों बढ़ गई नींबू की मांग?
12 महीने मिलने वाला यह फल स्वाद में खट्टा होता और साइट्रस (citrus) फल है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है। नींबू में स्वाद और गुण असीमित हैं। इसका उपयोग पेय, अचार या सब्जियों में स्वाद बढ़ाने के लिए होता है।More
श्री कृष्ण भगवान की बहन और यदुवंशियों की कुलदेवी कैलादेवी के चमत्कारी मंदिर का रहस्य
यदुवंशियों (हिन्दू) की कुलदेवी माता कैलादेवी का विश्व प्रसिद्ध चमत्कारी मंदिर राजस्थान के करौली जिले से करीब 24 किमी दूर, त्रिकूट पर्वत पर, कैला ग्राम में है। इसकी शक्तिपीठ की ख्याति भारतवर्ष में सर्वत्र है। कैला देवी मंदिर देवी भक्तों के लिए अति पूजनीय स्थल है। मां कैलादेवी आदिशक्ति महायोगिनी महामाया की अवतार हैं, जिनका जन्म गोकुल में नंदराय जी और यशोदा मैया के घर हुआ था।More
क्यों मनाते हैं शीतलाष्टमी अष्टमी? क्या महत्व है शीतलाष्टमी का?
प्राचीन काल से हिन्दू धर्मावलंबी परम पूज्य देवी शीतला माता की आराधना करते आ रहे हैं। पुराणों में भी माता के महात्म्य का उल्लेख है। शीतला माता हाथों में कलश, सूप, मार्जनMore
Dharm-Sanskriti/फूलैरा दूज क्यों मनाते हैंं?
फूलैरा दूज अथवा ‘फूलैरा दौज’ (फूलों की होली Phulera Dooj) हिन्दू धर्म के मुख्य त्योहारों में से है। फाल्गुन मास, शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फूलैरा दूज मनायी जाती है, जो बसंत पंचमी और होली बीच मनायी जाती है। More
षट्तिला एकादशी
माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षट्तिला एकादशी (Shattila Ekadashi) कहते हैं। पद्म और विष्णु पुराण के अनुसार माघ मास के एकादशी और द्वादशी को श्री हरी विष्णु जी का तिल से पूजा और व्रत का बहुत महत्व है।More
सामान्य ज्ञान (General Knowledge – One Liner)
प्रसिद्ध विजय विट्ठल मंदिर जिसके खंभों से संगीत की ध्वनि आती है, कहां अवस्थित है?
[A] हम्पी, कर्नाटकMore
किसान नेता चौधरी राकेश सिंह टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वे उन किसान नेताओं में शुमार रखते हैं, जो किसानो के व्यवहारिक हित की बात रखते हैं और किसान हित के लिए खड़े भी होते हैं। More
क्या महत्व है देवोत्थान एकादशी का ?
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी सबसे बड़ी एकादशी होती है, इसे देवोत्थान, देव उठनी और हरि प्रबोधिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।
More
कैसे पाये 100 साल तक चुस्त और स्वस्थ्य काया
कैसे पाये लम्बे समय तक चुस्त और स्वस्थ्य काया हमारे जीवन में खाने का बहुत महत्व है ये तो सभी जानते है। लजीज खाने हर दिल को अजीज होते हैं। हमारे दैनिक जीवन के खानपान और दिनचर्या ( daily routine) ही हमारे शरीर को भविष्य (future) के लिए तैयार करते है। स्वस्थ्य और निरोगी शरीर…More
रक्षा बंधन की धार्मिक व ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और पूजन विधि
इस दिन बहनें ईश्वर से अपने भाई की कलाई में मंगल कामना (दीर्घायु, सुख-समृद्धि आदि) करते हुए राखी या रक्षा सूत्र बांधती है। भाई अपनी रक्षा सूत्र बांधने पर बहनों वचन देतें हैं की, वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करेंगे, हर विपत्ति-बाधा से बहन की रक्षा करेंगेMore